मुंबई : प्रतिनिधी
वेश्या व्यवसाय करुन उदरनिर्वाह करणाऱ्या महिलांना कोविड-19 च्या प्रादुर्भाव कालावधीमध्ये अर्थसहाय्य अदा करण्याचा निर्णय राज्य शासनाने घेतला आहे. त्यानुसार वेश्या व्यवसायात कार्यरत ओळख निश्चित केलेल्या महिलांना दरमहा ५ हजार रुपये आणि ज्या महिलांची मुले शाळेत जातात अशा महिलांना अतिरिक्त २ हजार ५०० रुपये अर्थसहाय्य कोणत्याही ओळखपत्राचा आग्रह न धरता वितरीत करण्यात येणार आहे त्याअंतर्गत ऑक्टोबर ते डिसेंबर, २०२० या 3 महिन्याच्या कालावधीसाठी ५१ कोटी १८ लाख ९७ हजार ५०० रुपये इतका निधी मुख्यमंत्री सहाय्यता निधीमधून उपलब्ध करुन देण्याबाबतचा शासन निर्णय आज जारी करण्यात आला.
सर्वोच्च न्यायालयात दाखल फौजदारी अपिल क्र. 135/2010 (बुद्धदेव करमास्कर विरुद्ध पश्चिम बंगाल आणि इतर ) या प्रकरणामध्ये वेश्या व्यवसायात कार्यरत महिला व त्यांच्या मुलांना कोविड कालावधीमध्ये अर्थसहाय्य उपलब्ध करुन देण्याबाबत दि.२१ सप्टेंबर आणि दि. २८ ऑक्टोबर, २०२० रोजीच्या आदेशानुसार सर्वोच्च न्यायालयाने निर्देश दिले आहेत. त्या अनुषंगाने राज्यात तात्काळ कार्यवाही होण्यासाठी महिला व बालविकास मंत्री यशोमती ठाकूर यांनी यंत्रणेला संवेदनशीलरित्या गतिमान कार्यवाहीचे निर्देश दिले होते. आज त्याबाबतचा शासन निर्णय जारी करण्यात आला आहे. त्यानुसार ३२ जिल्ह्यांना एकूण ५१ कोटी १८ लाख ९७ हजार ५०० रुपये इतका निधी मुख्यमंत्री सहाय्यता निधीमधून उपलब्ध करण्यात येत आहे.
नॅशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनायझेशन (नॅको) या संस्थेकडून वेश्या व्यवसायात कार्यरत ओळख निश्चित केलेल्या महिलांना दरमहा ५ हजार रुपये आणि ज्या महिलांची मुले शाळेत जातात अशा महिलांना अतिरिक्त २ हजार ५०० रुपये कोणत्याही ओळखपत्राचा आग्रह न धरता अर्थसहाय्य देण्यात येणार आहे.
वेश्या व्यवसाय करुन आपल्या कुटुंबाचा उदरनिर्वाह करणाऱ्या महिलांना कोरडे अन्नधान्य व रोख आर्थिक सहाय्य यासारख्या मुलभूत सेवा पुरविण्याच्या अनुषंगाने जिल्हानिहाय प्रस्ताव पुढील कार्यवाहीकरिता महिला व बाल विकास आयुक्त यांच्याकडे पाठविण्यासाठी जिल्हाधिकाऱ्यांच्या अध्यक्षतेखाली समिती गठित करण्याचाही निर्णय घेण्यात आला आहे. यामध्ये सदस्य म्हणून जिल्हा पुरवठा अधिकारी, जिल्हा समाज कल्याण अधिकारी, जिल्हा विधी सेवा प्राधिकरणाकडील एक प्रतिनिधी, महिला पोलीस अधिकारी (पोलीस आयुक्त/ जिल्हा पोलीस अधीक्षक यांच्याद्वारे नामनिर्देशित), ‘नॅको’ यांचा जिल्हास्तरीय प्रतिनिधी आणि निमंत्रित सदस्य म्हणून स्वयंसेवी संघटनांचा प्रतिनिधी तर जिल्हा महिला व बाल विकास अधिकारी हे सदस्य सचिव असणार आहेत.
अ.क्र. |
जिल्हा |
लाभ द्यावयाच्या महिला |
बालके |
अर्थसहाय्य (रुपये ) |
1 |
मुंबई शहर |
2687 |
500 |
4,40,55,000 |
2 |
मुंबईउपनगर |
2305 |
500 |
3,83,25,000 |
3 |
ठाणे |
476 |
329 |
96,07,500 |
4 |
रायगड |
401 |
15 |
61,27,500 |
5 |
रत्नागिरी |
22 |
12 |
4,20,000 |
6 |
सिंधूदुर्ग |
25 |
16 |
4,95,000 |
7 |
पालघर |
1553 |
0 |
2,32,95,000 |
8 |
पुणे |
7011 |
1000 |
11,26,65,000 |
9 |
कोल्हापूर |
500 |
24 |
76,80,000 |
10 |
सांगली |
960 |
114 |
1,52,55,000 |
11 |
सातारा |
153 |
34 |
25,50,000 |
12 |
नाशिक |
1630 |
571 |
2,87,32,500 |
13 |
अहमदनगर |
865 |
262 |
1,49,40,000 |
14 |
जळगाव |
216 |
47 |
35,92,500 |
15 |
धुळे |
19 |
4 |
3,15,000 |
16 |
नंदुरबार |
303 |
20 |
46,95,000 |
17 |
नागपूर |
6616 |
261 |
10,11,97,500 |
18 |
वर्धा |
108 |
0 |
16,20,000 |
19 |
चंद्रपूर |
397 |
312 |
82,95,000 |
20 |
भंडारा |
16 |
0 |
2,40,000 |
21 |
गोंदिया |
136 |
82 |
26,55,000 |
22 |
अमरावती |
305 |
90 |
52,50,000 |
23 |
वाशिम |
72 |
12 |
11,70,000 |
24 |
बुलडाणा |
30 |
0 |
4,50,000 |
25 |
अकोला |
47 |
6 |
7,50,000 |
26 |
यवतमाळ |
893 |
410 |
1,64,70,000 |
27 |
औरंगाबाद |
168 |
0 |
25,20,000 |
28 |
जालना |
174 |
21 |
27,67,500 |
29 |
परभणी |
573 |
178 |
99,30,000 |
30 |
हिंगोली |
35 |
2 |
5,40,000 |
31 |
लातूर |
1142 |
0 |
1,71,30,000 |
32 |
नांदेड |
1063 |
1629 |
2,81,62,500 |
एकूण |
30901 |
6451 |
51,18,97,500 |
वेश्या व्यवसायात कार्यरत ओळख निश्चित केलेल्या महिलांना दरमहा 5 हजार रुपये आणि ज्या महिलांची मुले शाळेत जातात अशा महिलांना अतिरिक्त 2 हजार 500 रुपये अर्थसहाय्य कोणत्याही ओळखपत्राचा आग्रह न धरता वितरीत करण्यात येणार आहे. pic.twitter.com/sEYC6FXPoR
— Adv. Yashomati Thakur (@AdvYashomatiINC) November 26, 2020